● ज्वेलरी शॉप से गायब हुये 1.5 किलोग्राम सोने का मास्टरमाइंड प्लानर तथाकथित पत्रकार चढ़ा पुलिस के हत्थे।● सोने की बिक्री के बाद मिले हिस्से के 30000 रुपये भी बरामद चंदौली : मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने गत दिनों नगर के एक बड़े ज्वेलरी शॉप से गायब हुए 1.5 किलोग्राम सोने के मामले में दर्ज मुकदमें की जांच के दौरान पूरे मामले के मास्टर माइंड रहे नगर के ही एक चर्चित तथाकथित पत्रकार को सोने की बिक्री के बाद मिले हिस्से के 30000 रुपये नगदी के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
जानकारी के मुताबिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्थित रत्नदीप ज्वेलर्स से विगत 26 सितंबर को 1.5 किलोग्राम सोना गायब हुया था। जिसके बाद ज्वेलरी शॉप के मालिक ने मुगलसराय कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था।
उक्त मुकदमे की जांच के दौरान मंगलवार को पुलिस ने दो अभियुक्तों क्रमशः प्रदीप पाटिल और शांतनु सोनकर को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया था।
पूछताछ के दौरान उक्त मामले के मास्टर माइंड और प्लानर के बारे में पता चला कि इस घटना के पीछे नगर के शाहकुटी निवासी सत्यप्रकाश उपाध्याय नामक युवक जो अपने को कई समाचार पत्रों का पत्रकार बताता है, का हाथ है।
ऐसे में कोतवाल शिवानंद मिश्रा के नेतृत्व में एसआई श्रीकांत पांडेय व आरक्षी ओमप्रकाश प्रचेता ने बुधवार प्रातः नगर स्थित वीआईपी रेलवे गेट बाटा शो रूम के पास से सत्यप्रकाश उपाध्याय को गिरफ्तार कर उसके पास से 30000 रुपये नगदी बरामद किया।
बरामद रुपये के बाबत बताया जाता है कि सोने की बिक्री के मिले रुपये में उसका हिस्सा था। इस बाबत कोतवाल शिवानंद मिश्रा ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में सत्यप्रकाश मास्टरमाइंड प्लानर था।
इसने ही घटना की पूरी स्क्रिप्ट तैयार की थी और गबन हुये सोने को कानपुर बॉर्डर पार कराया था। अभी कुछ और लोग भी इसमें शामिल हैं जिनको जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
फिलहाल पुलिस ने सत्यप्रकाश उपाध्याय के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 और 120 (बी) के तहत मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
● काफी चर्चित रहा है सत्यप्रकाश उपाध्याय ● लोगों में पत्रकारिता का रौब गांठकर धनउगाही है उसकी फितरत
तथाकथित पत्रकार सत्यप्रकाश उपाध्याय नगर में काफी चर्चित है। अपने को किसी न किसी समाचार पत्र का संवाददाता बताकर,किसी पत्रकार के साथ घूमकर या पुलिस पिकेट या थाने चौकी पर पहुंचकर पुलिसकर्मियों का सान्निध्य हासिल कर आमजनों के बीच रौब गांठकर धनउगाही उसकी फितरत में शामिल है।
पूर्व में भी कई बार लोगों ने इसके द्वारा धनउगाही की शिकायत कोतवाली में की है लेकिन यह बच निकलता था।