मनोज श्रीवास्तव
सामना ने BJP की हकीकत पहले ही खोल दिया था!
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैराथन प्रयास के बाद भी उत्तर प्रदेश की नूरपुर विधानसभा और कैराना लोकसभा उपचुनाव में BJP को मिली करारी हार के बाद यूपी BJP में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठने लगी है। सोशल मीडिया से जुड़े कार्यकर्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय, संगठन महामंत्री सुनील बंसल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आरोप है कि अहंकार से डूबे नेतृत्व ने करककर्ताओं के अपमान का नित नए किर्तिमान स्थापित किया है उसी से नाराज होकर यूपी BJP के कार्यकर्ता चुनाव से खुद को अलग कर ले रहे हैं। दोका सामना ने गोरखुपर, नूरपुर उपचुनाव के समय ही भाजपा के हार की संभावना से जुड़ी खबर लिखी थी। एक दूसरी खबर में अखबार ने लिखा था कि कुछ बिन्दुओं पर विचार नहीं किये तो कैराना उपचुनाव में भी भाजपा हारेगी।
दलों का दलदल बनाम अकेला कमल
नामांकन के दिन कैराना से स्थलीय रिपोर्टिंग की खबर छापते हुये अखबार ने लिखा था कि प्रदेश नेतृत्व की उपेक्षा से नाराज कार्यकर्ता चुनाव में लगने को तैयार नहीं हुए। जिसके विकल्प के रूप में पश्चिम क्षेत्र के विभिन्न जिलों खास कर एनसीआर से जुड़े जिलों मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और दिल्ली के पर्यटक नेताओं को जुटा कर डेरा डाला था। अब परिणाम सामने है।
जानकारों का कहना है कि संगठन पर एक व्यक्ति का कब्जा होने से पार्टी संविधान की धज्जियां खुलेआम उड़ रही है। मोर्चा-प्रकोष्ठ भंग कर वर्षों से गठन नहीं हुआ। सरकार में लगातार उपेक्षा जारी है। हार पर समीक्षा करने वाले बताते हैं कि अब चुनाव में भाजपा को केंद्र और यूपी सरकार के कामकाज के आधार पर वोट मिल रहा है। संगठन उससे भी दो कदम आगे है। अभी भी भारतीय जनता पार्टी के नेता घमंड छोड़ कर कार्यकर्ताओं को अपमानित करना बंद नहीं किये तो लोकसभा 2019 के चुनाव में उपचुनावों की पुनरावृत्ति रोकना मुश्किल हो जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव की रिपोर्ट.