मनोज श्रीवास्तव
: भाजपा को बेचैन कर रहे राजा के मुद्दे : लखनऊ। कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भइया की अपनी पार्टी बनाने से पहले की गई प्रेस कांफ्रेंस ने भाजपा को डरा दिया है। राजा भइया ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में ही स्पष्ट कर दिया कि उनकी गठित होने वाली नई नवेली पार्टी का एजेंडा और विचारधारा क्या रहेगी?
अब तक हिंदुत्व के नाम पर सवर्णों का वोट लेती रही भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश नहीं लाई, लेकिन वोट बैंक की राजनीति के लिए एसटी-एससी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ फट से अध्यादेश ले आई, जिससे सवर्ण मतदाताओं में भारी नाराजगी है। अब राजा भइया ने भाजपा की इसी दुखती रग पर हाथ फेरने के संकेत दिए हैं। राजा ने कहा कि दलित समाज को मुख्य धारा से काटकर विकास नहीं किया जा सकता।
राजीव गांधी के समय बना एसटी-एससी एक्ट दिन-ब-दिन जटिल बनता जा रहा है। सामान्यता अन्य मामलों में जांच के बाद गिरफ्तारी होती है, जबकि इसमें गिरफ्तारी के बाद जांच शुरू की जाती है। सरकार का यह निर्णय जनहित में नहीं है। प्रमोशन का आधार भी जाति की बजाय योग्यता होनी चाहिए, इससे देश का भी नुकसान हो रहा है कि योग्य लोग सही जगह नहीं पहुंच पाते हैं।
भारत का नागरिक होने के नाते सबको समानता का अधिकार मिलना चाहिए। सभी जातियों के लिए एक समान सुविधाएं होनी चाहिए। जाति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। वैसे भी आरक्षण का लाभ पा चुके लोगों को दुबारा इसका लाभ नहीं मिलना चाहिए। राजा भइया ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में ही तय कर दिया कि वह किस मुद्दे को लेकर पार्टी को आगे बढ़ायेंगे।
जाहिर है, अगर राजा ने इस मुद्दों को हवा दे दी तो भाजपा को वोट करने वाला सवर्णों का एक बड़ा समूह राजा भइया की पार्टी के साथ जा सकता है। राजा भाजपा के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल खड़ी कर सकते हैं, लिहाजा भाजपाई खेमे में इसे लेकर बेचैनी दिखने लगी है। राजा भइया के साथ पत्रकार वार्ता में हाजी मुन्ना, डॉ केएन ओझा, मुन्ना जी, अक्षय प्रताप सिंह व पूर्व सांसद कौशाम्बी शैलेंद्र कुमार भी मौजूद थे।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव की रिपोर्ट.