मनोज श्रीवास्तव
लखनऊ : भ्रष्टाचार पर अभी तक सार्थक लड़ाई लड़ती नहीं दिखने वाले नरेंद्र मोदी सरकार अब एक्शन मोड में दिखने का प्रयास कर रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर शनिवार को हरकत में आई सीबीआई ने अखिलेश सरकार के कार्यकाल में हुए खनन घोटाले से जुड़े मामले को लेकर नौकरशाह, राजनेताओं और नवधनाढ्यों के भ्रष्ट गठजोड़ के कारनामों का खुलासा करने के लिये एक दर्जन से ज्यादा स्थानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।
चर्चित आईएएस अधिकारी और हमीरपुर की डीएम रहीं बी चंद्रकला के लखनऊ स्थित फ्लैट समेत ठेकेदार रामावतार और करन सिंह के घर छापे मारे गए। सीबीआई की 11 सदस्यीय टीम सुबह विधानसभा एनेक्सी के पास स्थित बी चंद्रकला के सफायर अपार्टमेंट में उनके घर पहुंचे और क़रीब 2 घंटे तक जांच की। उनके घर से कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ एक लॉकर, दो एकाउंट और 2 घरों की जानकारी भी मिली है। सीबीआई की टीम जालौन, नोएडा, दिल्ली और कानपुर में भी छापेमारी की है।
रिटायर्ड क्लर्क राम अवतार के पास से 2 करोड़ रुपये नकद बरामद करने के साथ 3 अन्य बैंक खाते भी सीज किये गए। बी चंद्रकला पर सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है। अवैध खनन के मामले में सीबीआई ने सात पीई दर्ज की थी। आज कुल 14 ठिकानों पर छापेमारी की गई। 11 सरकारी लोगों साथ कुछ ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामला अखिलेश सरकार के कार्यकाल साल2012 से 2016 के बीच का है। बताते है कि वर्ष 2015 में अवैध रूप से जारी मौरंग खनन को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।
हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किए गए सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिए थे। याचिकाकर्ता विजय द्विवेदी के अनुसार मौरंग खदानों पर पूरी तरह से रोक लगाने के बाद भी जिले में अवैध खनन खुलेआम किया गया। 28 जुलाई 2016 को तमाम शिकायतें व याचिका पर सुनवाई करते हुये हाईकोर्ट ने अवैध खनन की जांच सीबीआई को सौंप दी थी, क्योंकि एनजीटी के प्रतिबंध के बावजूद खनन किया गया था और काफी पैसों की उगाही की गई थी।
इस मामलों में सात जिलों में सीबीआई की तफ्तीश चल रही थी। 31 मई 2012 को एक टेंडर हुआ था जो ई- टेंडर के मार्फत नहीं किया गया था। इसके खिलाफ भी हाईकोर्ट की इलाहाबाद बेंच में याचिका डाली गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिये थे। बी चंद्रकला के साथ, आदिल खान, खनन अधिकारी मोइनुद्दीन, सपा एमएलसी रमेश कुमार मिश्रा, दिनेश कुमार मिश्रा, रामश्रय प्रजापति, अंबिका तिवारी, संजय दीक्षित, सत्यदेव दीक्षित, रामअवतार सिंह और करण सिंह के यहां छापेमारी हुई है। इनके पास से कई किलो सोना तथा करोड़ों की नगदी बरामद हुई है।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर लखनऊ सीबीआई के पीआरओ ने बताया कि केवल बी चंद्रकला के यहां छापा पड़ा है, जबकि सूत्रों का कहना है कि दो अन्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों भवनाथ सिंह एवं संध्या तिवारी के यहां भी छापेमारी की गई है।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव की रिपोर्ट.