होम आइसोलेशन से मरीजों को राहत मिलने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन खुश: चंदौली: कोरोना महामारी के बढ़ते मरीजों में बिना लक्षण वाले मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार द्वारा होम आइसोलेशन की अनुमति दी गयी। जिसके बाद जनपद में अबतक होम आइसोलेशन में 290 मरीज बिल्कुल स्वस्थ हो चुके हैं। लोगों ने घर में ही रहकर स्वास्थ्य विभाग से मिल रहे निर्देशों का पालन करने में काफी सहूलियत महसूस की। इससे स्वास्थ्य महकमा व जिला प्रशासन ने राहत महसूस की।क्वारन्टीन सेंटरों पर दुर्व्यवस्था की शिकायतों में कमी आने से स्वास्थ्य महकमा सहित जिला प्रशासन भी हो रही किरकिरी से बच गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा होम आइसोलेशन के जारी दिशा निर्देश के मुताबिक अस्पताल की जगह होम आइसोलेशन में 17 दिनों तक एक लिखित पत्र के साथ डॉक्टर के परामर्श पर कोरोना मरीज रह सकते हैं।
हल्के लक्षण वाले लोगों व जिन को पहले से कोई दूसरी बीमारी नहीं है, उनको होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दी जाती हैं।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी / जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ नीलम ओझा ने बताया कि वही लोग होम आइसोलेशन में रह सकते है जिनके घरों मे कम से कम दो शौचालय हो।
घर के अन्य लोगों को अलग रहने की सुविधा उपलब्ध हो। एक मेडिकल किट का होना बहुत जरूरी है। डॉक्टर के संपर्क में रहना, मरीज के मोबाइल में आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड होना चाहिए।मरीज को दिन में दो बार अपने स्वास्थ्य की पूरी जानकारी अपडेट भी करनी होती है।
उन्होने बताया कि जनपद में होम आइसोलेशन में रहे 495 कोविड 19 पॉजिटिव मरीजों में से 290 स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 205 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। जनपद में अब तक अस्पताल से कुल 1424 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं।
वर्तमान में 60 मरीज अस्पताल में एक्टिव हैं।
डॉ ओझा ने बताया कि होम आइसोलेशन में मरीज की देखभाल के लिए एक शख्स 24 घंटे मौजूद होना चाहिए। जो 17 दिनों तक लगातार अस्पताल के संम्पर्क में रहे।
बुखार व अन्य लक्षण न होने पर होम आइसोलेशन खत्म किया जा सकता है। अंत में दोबारा टेस्टिंग की जरूरत नहीं है। जो लोग मरीज की देख-रेख करेंगे उनके लिए भी दिशा निर्देश दिये गए हैं।
जैसे मास्क लगाकर ही मरीज के पास जाना, हाथों को बार-बार साबुन से साफ करते रहना,पर्याप्त दूरी बना कर ही बात करें। एक मास्क का प्रयोग बार-बार न करें और ग्लव्स का प्रयोग जरूर करें।
यह कहना है उपचाराधीनों का ………..
होम आइसोलेशन में रहे चकिया निवासी रामनाथ (32) ने बताया कि 2 सितंबर को जांच के बाद उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। लेकिन दो दिन बाद फिर से जाँच करानी पड़ी और इसके बाद घर पर ही आइसोलेट हो गए। दो दिन बाद उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। इसके बाद से घर में सभी से अलग एक कमरे में हैं।
बरौझी निवासीनी 28 वर्षीया दिशा सिंह ने बताया कि 28 अगस्त को जाँच हुई, उस दौरान न तो उन्हें ख़ासी थी और न ही बुखार कोई लक्षण नहीं था। लेकिन जाँच में वह पॉज़िटिव आईं। लेकिन जब उन्हें पता चला कि होम आइसोलेशन में रहना है तो डर नहीं लगा। घर में रहने से जल्दी ठीक हो गई।
चकिया निवासी आनंद वर्धन (30) ने बताया कि 5 सितंबर को जाँच हुई और रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। अजीब सा लगा। किसी तरह के कोई लक्षण न होने पर भी रिपोर्ट पॉज़िटिव आई। लेकिन उन्होने कहा कि होम आइसोलेशन बहुत ही अच्छा उपाय है।
घर पर बेहतर तरीके से अपने ऊपर ध्यान दे सकते हैं। वह प्रतिदिन फोन कर अपने स्वास्थ्य की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देते हैं। 17 दिन का होम आइसोलेशन पूरा करने के बाद वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं।