मनोज श्रीवास्तव
: फर्जी राज्यमंत्री का पास मिलने के बाद प्रशासन चौकन्ना : लखनऊ : पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश विधानसभा में कथित पीईटीएन पाउडर मिलने के बाद योगी सरकार हिल गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में कहा था कि सदन के अंदर विस्फोटक मिलना चिंताजनक है तथा यह एक खतरनाक साजिश का हिस्सा है। तब सरकार ने पत्रकारों का छोड़कर सभी का पुराना पास निरस्त कर दिया था तथा कड़ी जांच के बाद नए सिरे से पास जारी करने का निर्देश दिया था।
अभी इस घटना को एक साल भी पूरा नहीं हुआ कि ऐसे ही एक मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक सपा कार्यकर्ता को राज्यमंत्री का दर्जा दिए जाने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताया। जानकारी के अनुसार सपा से जुड़े कुंवर अम्मार अहमद को राज्यमंत्री का दर्जा देते हुए कार्यालय उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामोद्यौगिक कृषि यंत्र एवं अनाज का निदेशक बना दिया गया। सचिवालय प्रशासन ने उन्हें वाहन पास डीएल 6 सीएम 3260 के साथ सचिवालय प्रवेश पास संख्या 233 जारी किया, जिसमें उन्हें निदेशक लिखा गया था।
इसकी जानकारी जब कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं को हुई तो उन्होंने अपनी नाराजगी जताई कि भाजपा कार्यकर्ता हाशिए पर हैं तथा सपाइयों को निदेशक का सौगात दिया जा रहा है। जब इसकी जांच हुई तो सामने आया कि फर्जी तरीके से यह पास जारी किया गया था। इसके पहले भी कानपुर में फर्जी पास का मामला पकड़ा गया है। आरोप है कि सचिवालय पास के नाम पर चल रहा यह रैकेट मोटी रकम लेकर लगभग 300 के आसपास फर्जी पास जारी किया है।
गौरतलब है कि सामान्य लोगों को पास जारी करने में जहां सचिवालय प्रशासन का पास विभाग कई महीने लगा देता है, वहीं फर्जी पास धारकों को दो दिन से लगायत सात दिन के भीतर पास उपलब्ध हो जाता है। सहकारिता विभाग के मंत्री से जब इस संदर्भ में बात हुई तो उन्होंने ऐसी किसी भी नियुक्त से इनकार कर दिया। देखना है कि इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद सरकार आरोपियों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है?
इस संदर्भ में सचिवालय प्रशासन विभाग में जब पड़ताल की गई तो पता चला कि यह पास फर्जी है और कोई आज भी विधानसभा में फर्जी पास के सहारे घुसने की कोशिश कर रहा था, जिसे पकड़ लिया गया, लेकिन थोड़ी देर में उसे छोड़ भी दिया गया। विभाग का कोई भी व्यक्ति अधिकृत रूप से बताने को तैयार नहीं है, नाम ना छापने की शर्त पर ही उन्होंने इतनी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरीके की एक गाड़ी कानपुर में भी फर्जी पास के साथ पकड़ी गई थी।
उनके अनुसार ज्यादातर गाडि़यों का पास एनसीआर के यूपी वाले क्षेत्र और उत्तराखंड बार्डर के जिलों में बना है। सहारनपुर के एक भाजपा कार्यकर्ता के वाल पर आक्रोश के रूप में मिला यह फोटो को लेकर जब पड़ताल किया गया तो सचिवालय प्रशासन के पैरों तले जमीन खिसक गई। देखना है कि अब आने वाले दिनों में यूपी सरकार इस चौकसी से कोई सफलता हासिल करती है या पीईटीएन पाउडर की तरह ही यह मामला भी फुस्स हो जाएगा।
वरिष्ठ पत्रकार मनोज श्रीवास्तव की रिपोर्ट.