मदन चौरसिया
: पटना का छोरा मायानगरी में कर रहा धमाल : मुंबई : छोटे शहरों की उड़ान पर आज संदेह करना मुनासिब नहीं है, क्योंकि देश में इन दिनों छोटे शहरों से अपने हौसले, काबिलियत और जुनून लेकर आने वालों का जलवा खूब चल रहा है। आज बात एक ऐसे ही शहर पटना से आने वाले अभिनेता निशात मलिक की। मलिक से हमने बात की, जिनका लक्ष्य मुंबई है और अपने एक्टिंग पर विश्वास है। उन्होंने हमसे राजाबाजार से लेकर मुंबई तक के सफर और अपनी आनी तीन बेहतरीन प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत की। और खुलकर अपनी बात कही।
प्रश्न : क्या आप बचपन से ही एक्टिंग करना चाहते थे?
निशात मलिक : स्कूल-कॉलेज के दिनों में ऐसा कुछ नहीं था कि एक्टर ही बनना है। मगर मेरे अंदर एक्स फैक्टर था। इसलिए उन दिनों मैं ड्रामे और गानों में खूब इंटरेस्ट लेता था। लोग मुझे एक्टिंग में ट्राय करने को कहा करते थे। फिर मैं 2010 में रीयलिटी शो बेग बॉरो स्टील जीतने के बाद, एक्टिंग – मॉडलिंग की शुरुआत दिल्ली से की। हालांकि दिल्ली में स्कोप कम होते हैं और वहां एवीस और कॉरपोरेट फिल्म ज़्यादा बनते हैं। किसी भी बड़े प्रोजेक्ट के लिए आपको मुंबई ही जाना पड़ता है। 2010 से 2016 तक अच्छा प्रोफाइल बना लिया था, जिसमें कई सारे corporate फ़िल्म्ज़, प्रिंट शूट्स, शॉर्ट फ़िल्म्ज़ और कुछ tv commercials थे। इमेज बाजार के साथ कई प्रॉजेक्ट्स किए और वहाँ “master of expression” के नाम से जाना जाने लगा।
प्रश्न : फिल्मों में आना कब हुआ और इसमें घरवालों का कितना सपोर्ट मिला?
निशात मलिक : शुरू में तो घर वालों का ज्यादा सपोर्ट नहीं मिला। सब की इच्छा थी कि मैं इंजीनियरिंग, मेडिकल या गवर्मेंट सेक्टर में जाऊं। मगर मैंने सबकी इच्छा के खिलाफ अपने लिए अभिनय को चुना। घर वाले आज भी डरते हैं, मगर अब जब इतने साल हो गए और मैंने मुंबई में भी दो फिल्में कर ली हैं – अदृश्य और थेथर, तब उन्हें जा कर भरोसा हो पाया है। मेरी ये दोनों फिल्में जुलाई-अगस्त में ही रिलीज होने वाली हैं। ऐक्टिंग career के शुरुआती 6 साल दिल्ली में एक्टिंग कर रहा था। वहां स्कोप कम होते हैं। दिल्ली में ही मैंने एक फिल्म भी किया, जो अभी रिलीज हुई नहीं है। उसका नाम पहले “DNA OF LOVE” था मगर अभी उस फिल्म का नाम ‘बेखुदी’ कर दिया गया, जो इसी साल रिलीज हो सकती है। लीड रोल में Adhyayan Suman थे। जनवरी 2016 में मैं मुंबई आया। क्योंकि मेरा लक्ष्य हमेशा मुंबई आना था, फिल्म और कामर्शियल के लिए।
प्रश्न : अपनी bollywood फिल्म ‘अदृश्य’ और ‘थेथर’ के बारे में बताएं?
निशात मलिक : दोनों दो अलग-अलग जोनर की फिल्म है। फिल्म अदृश्य बच्चे की साइकिल कि कहानी है, जिसमें थ्रिलर, सस्पेन्स साथ लाइट हॉरर भी है और मैं बड़ों में मेल लीड प्ले कर रहा हूँ। बच्चों ने फिल्म में बेहद अच्छा काम किया है और यह फिल्म अब तक 6-7 अवार्ड जीतने में कामयाब रही है। फिल्म के डायरेक्टर संदीप चटर्जी हैं, जिनकी यह पहली फिल्म है। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत की है। वहीं, मेरी दूसरी फिल्म थेथर के निर्देशक अभिषेक शर्मा भी फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं, मगर उनके लिए भी यह फिल्म बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें छह स्टूडेंट की कहानी है, जिसमें मैं लीड प्ले कर रहा हूँ। इसके अलावा मैंने विक्रम भट्ट के साथ एक खूबसूरत सी वेब सिरीज “MEMORIES” भी की है, जिसमें रोहित रॉय और मैं लीड्ज़ प्ले कर रहे हैं। ये मेरे लिए बहुत अच्छा है कि आने वाले दिनों में मेरे ये तीन बड़े प्रोजेक्ट लगभग एक साथ रिलीज़ होंगे। मेरे लिए मज़ेदार और महत्वपूर्ण बात यह भी है के तीनों प्राजेक्ट्स में मेरे अलग किरदार दिखेंगे, जिससे एक ऐक्टर के अनेक गुण या potential के बारे में पता चलेगा।
प्रश्न : मुंबई में अब तक काम करने का एक्सपीरीयंस कैसा रहा?
निशात मलिक : दिल्ली में स्कोप कम था। बजट कम होते थे। अच्छे कामर्शियल का शूट भी मुबई में होता है, इसलिए यहां आना ड्रीम था। आज अच्छा लग रहा है कि मुंबई आकर। शाहरूख, सलमान जैसे कलाकार मेरे दिल के करीब हैं। हालांकि मुझे उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला। मगर मेरा प्रोफाइल जिस तरह बन चुका है, मुझे यकीन है कि एक दिन उनके साथ भी काम करने का मौका मिलेगा। एक एक्टर के रूप में मैं सीखने में यकीन रखता हूं। मैंने काफी कुछ देखकर सीखा भी। एक्टिंग की शुरुआत में कैमरा का डर होता है, जिससे मैंने रियालिटी शोज के दौरान आईज ब्रेक कर ली। इसलिए मैं डारेक्टर के सामने बस एक्टर होता हूं, बाकी डायरेक्टर का कॉल होता है। आप गेट अप दे दो, मैं एक्ट कर लूंगा। इक्सप्रेशन जैसा चाहिए वैसा उनको मिलेगा ये मेरा यक़ीन है।
प्रश्न : आप अपने करियर के शुरुआती दौर में किस डायरेक्टर के साथ काम करना पसंद करेंगे?
निशात मलिक : किसी भी एक एक्टर के लिए ड्रीम होता है बड़े डायरेक्टर के साथ काम करना। मगर मुझे लगता है कि करण जौहर से लेकर अनुराग कश्यप तक अपने आप में बड़े डायरेक्टर हैं। उनके काम का अपना तरीका है, इसलिए मैं चाहता हूं कि मैं एक्ट करूं और डायरेक्टर के विश्वास को लेट डाउन नहीं करूं। क्योंकि सभी डायरेक्टर बड़े हैं। मुझे अपने अभिनय पर भरोसा है और मैं चीजों को अच्छे से ग्रैब कर सकता हूं और उन्हें जैसे अभिनय की उम्मीद है वो उनको ज़रूर मिलेगा।
प्रश्न : कास्टिंग काउच के शिकार हुए हैं कभी?
निशात मलिक : (हंसते हुए) मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ। मगर जिन लोगों के साथ होता है, उनसे मैं कहना चाहूंगा कि इस चीज को लेकर उन्हें स्मार्ट होना पड़ेगा। ताकि उनके साथ ऐसा कुछ नहीं हो। अपने लंबे करियर के दौरान ऐसे मौके सबके सामने आते हैं, मगर अल्टीमेटली आपका टैलेंट ही आपको स्थापित करता है। इसलिए टैलेंट हो तो इसका अपोज करना चाहिए।
प्रश्न : पटना के बारे में क्या ख्याल है और पटना के लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
निशात मलिक : पटना में जिस तरह बदलाव आये हैं वो सुकून देने वाला है। आईएएस-आईपीएस के अलावा भी आज वहां के यूथ हर क्षेत्र में उभर कर सामने आये हैं। चाहे वो संगीत हो, डांस हो या अभिनय। काफी इंप्रूवमेंट हुआ है। मेरा प्लान भी है कि फ्यूचर में मैं किसी से एसोसिएट होकर इंटरटेंमेंट क्षेत्र में कोई शुरुआत करूं। हालांकि ये अभी छोटी मुंह बड़ी बात होगी। मगर पटना की ऑडियंस सिनेमा और संगीत के मामले में परिपक्व हुए हैं। मैं पटना के युवाओं से कहना चाहूंगा कि वे अपनी कम्यूनिकेशन स्किल, लुक्स, संगीत और डांस जैसी चीजें पर ध्यान दें।
वरिष्ठ पत्रकार मदन चौरसिया की रिपोर्ट. मदन चौरसिया माया, धर्मयुग, मायापुरी, टर्निंग इंडिया, पायनियर, दैनिक जागरण, स्वतंत्र भारत, आज, जनसंदेश टाइम्स जैसे संस्थानों में लंबे समय तक कार्यरत रहे हैं. फिल्म पत्रकारिता में महारत रखते हैं.