: बसों पर राजनीति फेल होने के बाद प्रियंका की नई चाल भी उल्टी पड़ी : लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हाशिये पर खड़ी कांग्रेस को राज्य की सीमा पर बसें खड़ी करके खड़ा करने की कोशिशों का पलीता निकलने के बाद प्रियंका ने अब बिजली के जरिये योगी सरकार को घेरने की कोशिश की है. परंतु उन्हें इस मुद्दे पर उल्टा झटका लग गया है. यह झटका दिया है खुद कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने. प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश सरकार से बिजली बिल वसूली से छह माह की राहत देने के लिये पत्र लिखा है, लेकिन दूसरी तरफ राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ने 31 मई तक बिजली बिल नहीं जमा किये जाने पर 2 फीसदी पेनाल्टी लगाने का आदेश जारी किया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मांग पर भाजपा प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने उन्हें आईना दिखाते हुए इसे दोमुंहापन बताया है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ प्रियंका गांधी यूपी में जनता को बिजली बिल में राहत दिये जाने की मांग करती है और दूसरी और अपनी सरकार से तय समय के बाद पैसे देने पर दो फीसदी पेनाल्टी लगवाती हैं. श्री श्रीवास्तव ने कहा कि यह तो वही बात हुई कि सूप बोले तो बोले, लेकिन चलनी क्या बोले, जिसमें खुद ही 72 छेद हैं.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस महासचिव का ऑटो-एम्बुलेंस को बस बनाने का दांव फेल हो गया और मजदूरों को लेकर उनकी राजनीति जनता के सामने उजागर हो गई तो वह बिजली बिल माफी का नया दांव लेकर आ गईं, लेकिन यह दांव भी उल्टा पड़ गया. उन्होंने कहा कि झूठ के पांव नहीं होते हैं और बस की तरह उनकी बिजली की राजनीति भी एक्सपोज हो गई. योगी सरकार ने इस महामारी में जिस तरह से आमजन, मजदूरों और किसानों को राहत दिया है, उससे प्रियंका ही नहीं सपा नेता भी हताश और निराश हैं.
नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि प्रियंका गांधी को यूपी में पत्र लिखने से पहले अपनी राजस्थान सरकार को पत्र लिखना चाहिए था कि वह बिजली बिल माफ करे तथा दो फीसदी पेनाल्टी ना ले, लेकिन यूपी में अपने नेतृत्व में दो लोकसभा सीटों को एक लोकसभा में बदलने वाली प्रियंका गांधी इसे शून्य करने पर अमादा हैं. कांग्रेस तथा प्रियंका के झूठ का पिटारा तो विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में ही खुल गया था, अब वो बची खुची साख भी गंवाने में जुटी हुई हैं. जनता उनकी हल्की राजनीति भी देख रही है.
भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रवासी मजदूरों को वापस लौटने का न सिर्फ दिल से स्वागत किया है बल्कि उन्हें प्रदेश की सम्पदा माना है. प्रियंका जी बतायें कि राजस्थान सरकार किस तरह से किसानों व मजदूरों की हितैषी है, जब वह तीन महीने के आपदाकाल का बिल भी पेनाल्टी सहित वसूल रही है. पंजाब में भी प्रवासी मजदूरों के साथ कांग्रेस की सरकार निंदनीय व्यवहार कर रही है. महाराष्ट्र में उसकी गंठबंधन की सरकार कोरोना को रोकने में पूरी तरह फेल रही है.