राजीव गुप्ता
: डायल100 द्वारा पकड़े गए आरोपी को थाने की पुलिस ने छोड़ा : भाजपा नेताओं के दबाव में पुलिस ने नहीं की कार्रवाई : चन्दौली। जनपद के अलीनगर में एक बार फिर तेल का अवैध कारोबार शुरू हो चुका है। इस खेल में सत्ता पक्ष से जुड़े एक नेता के भाई का नाम सामने आया है। अलीनगर डिपो से निकलने वाले टैंकरों से अवैध तरीके से डीजल, पेट्रोल चोरी करने का खेल लंबे समय से बंद था, लेकिन सत्ता पक्ष के एक बड़े नेता की शह पर यह फिर शुरू हो चुका है। स्थानीय पुलिस भी इस नेता के दबाव में है।
विभागीय सूत्रों का दावा है कि प्रदेश स्तरीय नेता की शह पर एक क्षेत्रीय भाजपा नेता के भाई ने तेल के अवैध कारोबार को फिर से शुरू कर दिया है। उक्त अवैध करोबारी के भाई ने भी सत्ताधारी दल का दामन इसलिए थामा ताकि लाखों के इस अवैध खेल में कोई रुकावट या खलल नहीं पड़े। अलीनगर में अवैध तेल से काला साम्राज्य खड़ा करने वालों का लंबा इतिहास रहा है। सीबीआई तक इस काकस के आगे फेल हो चुकी है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही जनपद में दो नंबर के काम से पैसा बनाने का खेल शुरू हो चुका है। इसमें सत्ताधारी दल के नेता का शह मिलने के बाद नौबतपुर से लगायत अलीनगर तक अवैध तरीके से पैसा बनाने का खेल प्रारंभ हो चुका है। पुलिस अवैध तेल कारोबारी को पकड़ कर थाने लायी भी तो ऊपरी दबाव के चलते उसे भाजपा नेता के भाई को छोड़ना पड़ गया।
उल्लेखनीय है कि जनपद के अलीनगर क्षेत्र में तीन आयल कंपनियों के डिपो हैं, जिनसे प्रतिदिन सैकड़ों टैंकरों में तेल भराई का काम होता है। यहां से निकले टैंकर अलग-अलग जनपद के पेट्रोल पंपों पर तेल आपूर्ति करते हैं, लेकिन टैंकर चालकों और तेल चोरों की मिलीभगत से यहां कई दशक से तेल चोरी का धंधा बेरोकटोक चलता आ रहा है। पुलिस भी हिस्सा लेकर धृतराष्ट्र बनती रही है।
तेल चोरी के इस खेल से रोटी को मोहताज कई आज की तारीख में नामी गिरामी सेठ तक बन चुके हैं। कई बार पुलिसिया कार्रवाई हुई, कई बार सीबीआई ने रेड डाले, कई बार तेल कंपनियों के दस्ते ने छापेमारी की। इन कार्रवाई में कई अवैध कारोबारी जेल भी गए, लेकिन फिर पुलिस की शह पर अपने पुराने धंधे में जमे रहे। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद इस अवैध करोबार पर कुछ समय के लिए लगाम लगा, लेकिन दिग्गज भाजपा नेता की शह पर एक बार फिर इस धंधे में भाजपाई लग गए हैं।
कुछ साल पहले जब तेल के इस अवैध खेल में स्थानीय अलीनगर पुलिस भी लगातार शह दे रही थी, तब किसी की शिकायत पर सीबीआई ने रेड डालकर एक तेल टैंकर को पकड़ा था। इस टैंकर को सीबीआई अलीनगर पुलिस के हवाले करते हुए उसे थाने में खड़ा करा दिया था, लेकिन अवैध तेल कारोबारी काकस इतना मजबूत निकला कि थाने में खड़े उक्त टैंकर को ही गायब करा डाला। टैंकर थाना परिसर से गायब हो गया और पुलिस को कानोकान खबर तक नहीं हुई।
जब इसकी खबर सुर्खियां बनी तब तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई और टैंकर को बरामद भी किया गया, लेकिन उसमें पड़ा तेल गायब हो चुका था। एक तरह से अवैध और मिलावटी तेल का असली सबूत गायब हो गया था। सीबीआई भी बस हाथ मलती रह गई थी। कुछ दिनों पहले प्रहारलाइव ने तेल चोरी के एवज में अलीनगर थाने के नाम पर वसूली किए जाने का एक वीडियो खबर प्रकाशित किया था, जिसके बाद एसपी ने थाने के एक कारखास को लाइन हाजिर कर दिया था। एसपी के सख्त रवैये के बाद स्थानीय पुलिस ने अलीनगर क्षेत्र में तेल चोरी का धंधा पूरी तरह बंद करा दिया था।
इधर, बीजेपी के एक स्थानीय नेता का भाई ने सत्ता के रसूख का बेजा इस्तेमाल करते हुए फिर से इस अवैध करोबार को प्रारंभ कर दिया। स्थानीय पुलिस ने जब उस पर अवैध काम बंद करने का दबाव बनाया तो सत्ताधारी दल का कद्दावर नेता पुलिस को अर्दब में ले लिया, जिसके बाद से यह धंधा जोरशोर से शुरू हो गया। बीते गुरुवार को फिर अवैध तेल का खेल चल ही रहा था कि किसी ने डायल100 को सूचना देकर भाजपा नेता के भाई को टैंकर से तेल निकालते रंगे हाथ पकड़वा दिया।
भाजपा नेता के भाई चेतन चौहान को डायल 100 की पुलिस थाने के सुपुर्द कर दिया, लेकिन प्रभारी निरीक्षक के ऊपर पता नहीं कहां से दबाव पड़ा कि उन्होंने तेल चोरी के मामले में कार्रवाई करने की बजाय उक्त आरोपी को ही छोड़ दिया। आरोपी को छुड़ाने के लिए बीजेपी के छुटभैये नेताओं ने पुलिसवालों के साथ गाली गलौज भी की। ऐसे में सवाल उठता है कि पूरे साक्ष्य के बावजूद आखिर पुलिस इतनी विवश क्यों है?
इस बाबत थानाध्यक्ष अतुल नारायन सिंह का कहना है कि चेतन चौहान के खिलाफ कोई एविडेन्स नहीं था, जिसके चलते उसे छोड़ दिया गया। वैसे, मामले की जांच की जा रही है। दूसरी तरफ, डायल् 100 द्वारा तेल चोरी करते समय रंगे हाथ पकड़े जाने का वीडियो भी वायरल हुआ था।
चंदौली से राजीव गुप्ता की रिपोर्ट.